बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने ऐतिहासिक जीत हासिल की और भाजपा राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई। बिहार के चुनावी समर में शानदार प्रदर्शन के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने संगठन और अनुशासन को सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने अपने उन नेताओं पर कार्रवाई की है, जिन्होंने चुनावी प्रक्रिया के दौरान या पूर्व में पार्टी के विरोध में गतिविधियां की थीं।
भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है। साथ ही, कटिहार की मेयर ऊषा अग्रवाल और एमएलसी अशोक अग्रवाल पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई है। पार्टी ने अधिकारिक पत्र जारी कर कहा, ‘‘आपकी गतिविधियां पार्टी के विरोध में हैं, अनुशासनहीनता के दायरे में आती हैं और इससे संगठन को नुकसान हुआ है। आपको पार्टी से निलंबित किया गया है तथा कारण-पृच्छा किया जा रहा है कि आपको पूरी तरह निष्कासित क्यों न किया जाए।’’
चुनाव के बीच आरके सिंह ने कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व, सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की थी, साथ ही शराबबंदी खत्म करने का समर्थन भी जाहिर किया था। उन्होंने खुले मंच से भ्रष्टाचार और संगठन के खिलाफ तीखे बयान दिए। यही कारण रहा कि जीत के तुरंत बाद भाजपा नेतृत्व ने बगावती नेताओं के खिलाफ सख्ती दिखाई है।
बिहार चुनाव 2025 का परिणाम और सीटों का गणित:
- कुल सीट: 243
- एनडीए: 202
- भाजपा: 89
- जदयू: 85
- लोजपा (RV): 19
- हम (S): 5
- RLN: 4
- महागठबंधन: 35
- राजद: 25
- कांग्रेस: 6
- भाकपा (माले) लिबरेशन: 2
- माकपा: 1
- अन्य:
- AIMIM: 5
- बसपा: 1
- IIP: 1
इस कार्रवाई के साथ भाजपा ने साफ संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता और संगठन विरोधी गतिविधियों को किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। पार्टी की जीत के बाद यह सफाई अभियान आगामी दिनों में और नेताओं पर लागू हो सकता है।